आज जानेंगे सिचाई कार्य मे किसानों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए सुरू की गई योजना कुसुम योजना। यानी किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महा अभियान के वारे मे। ये योजना किसानों की सिचाई समस्या का समाधान तो बनेगी ही, आमन्दनी बड़ाने का बेहतर विकल्प भी साबित होगी।
कुसुम यानीकि किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महा अभियान योजना का ऐलान केंद्र सरकार ने आम बजट 2018-19 मे किया था। देश के अलग अलग हिस्सों मे सिचाई सुबीधाओ के बाद भी खेत बिजली कटौती के चलते सूखे रह जाते हैं। ऐसे मे ये योजना दोहरी समस्याओं का हल साबित होगी।
योजना का उद्देश्य:
इस योजना का उदेश्य बिजली और सिचाई की समस्या से जूझ रहे किसानों को राहत देना है। बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को ध्यान मे रखते हुए देश भर मे सिचाई के लिए स्तेमाल होने वाले सभी पंपों को सोलर ऊर्जा से चलाने के लिए इस योजना की सुरुवात की गई है। इससे किसान के बिजली खर्च मे भी बचत होगी, और जो किसान Diesel से पम्प चलाते हैं उन्हे भी थोड़ी राहत मिलेगी, साथ ही समय पर फसलों की सिचाई भी संभव होगी।
क्या है कुसुम योजना:
कुसुम योजना के तहद केंद्र सरकार की ओर से किसानो को subsidy पर सोलर कृषी पम्प मुहाइया कराये जा रहे हैं। योजना के तहद गरीबों व जरूरत मंदों को कम मूल्य पर सोलर पम्प दिये जाएँगे, ताकि गरीब व छोटे वर्ग के किसानो को फायदा पहुँच सके। देश के ऐसे क्षेत्र जहां आज भी किसान की फसले वक्त पर सिचाई नहीं ले पाती और सिचाई न मिलने के चलते किसान की फसलें खराब हो जाती हैं। कुसुम योजना उन सभी किसानों के लिए संजीवनी का काम करेगी।
योजना के तहद मोजूदा कृषी पंपों को सौर ऊर्जा पम्प मे परिवर्तित किया जाएगा। किसानो को नए सोलर पम्प दिये जाएंगे। साथ ही खेती के लिए सोलर Tubewel भी मुहैया कराये जाएंगे।
कुसुम योजना से क्या लाभ मिलेगा:
कुसुम योजना के अंतर्गत 7.5 HP लोड तक के किसानो को इसमे सामिल किया गया है। ये किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगवा कर इससे बनाने वाली बिजली का उपयोग सिचाई पम्प चलाने के लिए और खेती के कामों के लिए कर सकते हैं।
इसके अलावा खर्च करने के बाद बची हुई बिजली यानि ज्यादा उत्पादन अगर बिजली का होगा तो इसे किसान ग्रिड को भी बेच सकते हैं। इससे उन्हे अतरिक्त आमन्दनी होगी। इससे किसान को तो फायदा होगा ही, देश के ऐसे गाँव जहां बिजली की भारी समस्या है, वहाँ अतरिक्त बिजली भी उपलब्ध होगी।
कहाँ पर सुरू कर सकते हैं व कितनी सब्सिडि मिलेगी कुसुम योजना मे:
इस योजना के तहद ऐसे किसानों के यहाँ सोलर पैनल लगवाए जाएंगे जिनके सिचाई पम्प डीजल से चलते हैं। इससे डीजल की खपत कम होगी, किसान के खेत मे लगने वाली लागत भी कम होगी और इस पर खर्च आयेगा वो आयेगा 1.40 लाख करोड़ रुपये का। योजना पर लागने वाले कुल खर्च मे 48 हजार करोड़ केंद्र सरकार और 48 हजार करोड़ रुपये देगी राज्य सरकार, इसके अलावा करीब 45 हजार करोड़ रुपये कृषि उपभोक्ताओ को लोन के रूप मे नावार्ड स्थानीय बंकों के माध्यम से finance करेगा। इस तरह कुल 90 फीसदी रकम का इंतजाम किया जाएगा। और बचा हुआ 10% वहन करना होगा किसान को।
केंद्र व राज्य सरकारो की ओर से किसानों को subsidy के रूप मे दी जाने वाली 60 फीसदी रकम सीधे किसानों के खातों मे ट्रान्सफर कर दी जाएगी। बेंक से जो लोन मिलेगा उसका भुगतान किसान उस आमन्दनी से करेगा जो उसे सोलर ऊर्जा बेचकर ग्रिड से मिलेगी।
लोन की अबाधि अधिकतम 7 साल इसमे रक्खी गई है। अभी तक 3.5 KV का सोलर फनेल लगवाने पर किसान को 10% की सब्सिडि मिलती थी, और उसको करीब 2.5 लाख रुपये अपने जेब से चुकाने पड़ते थे। लेकिन अब 3.5KV का सोलर पेनल लगवाने पर किसान को अब सिर्फ 40 हजार रुपये अपने जेब से भरने होंगे।
ये सोलर पेनल लगवाना ऐसे किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जिनकी भूमि बंजर है और खेती के लायक नहीं है। सोलर पेनल लगवा कर ऐसे किसान बिजली ग्रिड को सप्लाइ कर सकते हैं या फिर जमीन को बिजली उत्पादन के उदेश्य से किराये पर भी देकर वो कमाई कर सकते हैं।
कितना फायदा होगा इस योजना से:
योजना के तहद अगर कोई डेवलपर किसान की जमीन पर सोलर पेनल लगवाना चाहता है तो उसे किसान को 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से किराया भरना होगा। इससे किसान को हर महीने 6600 रुपये की हर महीने आमंदनी होगी यानि साल का 80,000 रु. । और जमीन पर मालिकाना हक किसान का ही रहेगा। वो चाहे तो सोलर पेनल लगने के बाद भी अपनी जमीन पर छोटी मोटी खेती कर सकता है।
जिन इलाकों मे बिजली ग्रिड नहीं है वहाँ कुसुम योजना के पहले चरण मे किसानों को 17.5 लाख सोलर पम्प सेट दिये जाएँगे। और जिन जगहों पर बिजली ग्रिड मौजूद हैं वहाँ किसानों को 10 लाख पम्प सेट दिये जाने की प्लानिंग है। इस तरह पहले चरण मे देश भर मे 27.5 लाख सोलर पेनल लगवाए जाएंगे।
योजना के अगले चरण मे किसानों के खेतों के ऊपर या फिर खेतों के मेड़ों पर सोलर पेनल लगवाने की प्लानिंग है। और 10 हजार मेगा वाट की सोलर एनर्जि प्लांट किसान की बंजर भूमि पर लगवाए जाएंगे।
कुसुम योजना के जरिये सरकार देश के 3 करोड़ सिचाई पम्पो को सोलर एनर्जि से चलाने की प्लानिंग कर रही है। सरकार का कहना है की देश के सभी सिचाई पम्पो के लिए अगर सोलर एनर्जि का स्तेमाल किया जाता है तो बिजली की बचत तो होगी ही साथ ही सोलर फेनल से 28 मेगा वाट आतरिक्त बिजली का उत्पादन भी होगा।
कुसुम योजना के लिए कहाँ पर करें आवेदन
सोर्य ऊर्जा को बड़ावा मिलेगा और प्रदूषण कम होगा वो अलग। कुसुम योजना की ज्यादा जानकारी के लिए एक official वैबसाइट भी बनाई गई है www.mnre.gov.in जहां जाकर आप इस योजना की ज्यादा जानकारी प्रपट कर सकते हैं। अगर आप किसान हैं और अगर आप कुसुम योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो अपने नजदीकी कार्यालय मे जाकर संपर्क कर सकते हैं।
आशा है की किसान भाई इस योजना का लाभ जरूर उठाएंगे।
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