सीमित आमदनी में परिवार चलाना बहुत मुश्किल काम है. इस वजह से ज़्यादातर लोग इनकम टैक्स बचाने (TAX Rebate) की कोशिश करते रहते हैं
खुद Income Tax रिटर्न फ़ाइल करते समय मन मे यह सवाल होता है कि टैक्स कैसे वचाया जाये ? ज़्यादातर लोगों को होम लोन, मकान का किराया और कुछ अन्य निवेश पर मिलने वाली छुट कि मोटी मोटी जानकारी तो होती है, लेकिन यह नहीं पता होता कि कुल कितनी तरह कि छुट(Tax Rebate) का लाभ ले सकते हैं?
हम आपको बता दें कि हमे आयकर मे 7 प्रमुख छुट मिल सकतीं हैं जिनका लाभ हम इन come tax रिटर्न फ़ाइल करते वक्त ले सकते हैं। जिनमे एक है।
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Tax Rebate- धारा80 C
इस धारा के तहद करदाता अपनी कुल करयोग्य आय को 1.50 लाख रुपये तक घाटा सकता है। इस धारा की कटौती का लाभ कई तरह के निवेश विकल्पों मे निवेश करके लिया जा सकता है। जैसे
- अपने नाम से ईपीएफ़,
- होम लोन के मूलधन का भुगतान,
- नए मकान की खरीद पर चुकाई गई Stamp Duty,
- सुकन्या समृद्धि योजना,
- टैक्स सविंग म्यूचुअल फ़ंड,
- टैक्स सविंग एफ़डी या बॉन्ड आते हैं।
इसके अतिरिक्त अपने स्वयं के या जीवनसाथी के या बच्चों के नाम पर जीवन बीमा प्रीमियम,
पीएफ़ या ULIP मे निवेश करने पर भी इस धारा मे कटौती मिलती है।
अधिकतम दो बच्चों को स्कूल या कॉलेज की ट्यूशन फीस का भुगतान करने पर भी इस धारा मे कटौती ली जा सकती है।
धारा 80सीसीडी (1बी)
इस धारा के तहत नेशनल पेंशन योजना (NPS) मे निवेश करने पर अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती (Tax Rebate) मिलती है। इस तरह 80C एवं 80CCD(1बी) मिला कर अधिकतम 2 लाख रुपये तक की कटौती मिल सकती है।
Tax Rebate- धारा 80डी
धारा 80 D के तहत स्वयं के लिए या जीवन साथी के लिए इसके अलावा आप पर आश्रित बच्चों के , उच्च शिक्षा के लिए चकाए गए मेडिकल बीमा प्रीमियम के लिए अधिकतम 25,000 रुपये की कटौती मिलती है। और आपके माता-पिता के लिए चकाए गए मेडिकल बीमा प्रीमियम के लिए अधिकतम 25,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती (Tax Rebate) मिलती है।
यदि माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक है तो कटौती 25,000 से बढ़ कर पर अधिकतम 50,000 हो जाती है।
एक बात ध्यान रखें कटौती तभी मिलती है जब प्रीमियम का भुगतान नकद न किया हो।
इस धारा में उपरोक्त लिमिट को ध्यान मे रखते हुए 5000 रुपए तक की प्रिवेटिव हेल्थ चेक अप की भी कटौती मिलती है।
धारा 80 DD
इस धारा के अंतर्गत यदि किसी करदाता पर कोई दिव्याङ्ग (Handicap) आश्रित है इसके लिए उसका जीवनसाथी हो सकता है, उसके बच्चे हो सकते हैं, या उसके माता-पिता व भाई बहन हो सकते हैं। तो उनके इलाज और पालन-पोषण पर हुए खर्च पर 75000 रुपये तक की कटौती का प्रावधान है। और अगर इन सभी मे से किसी की गंभीर बिकलांगता है तब करदाता 125,000 रुपये तक की कटौती का लाभ ( Tax Rebate ले सकता हैं।
धारा 80 DDB
इस धारा के तहद कुछ खास व गंभीर बीमारियाँ के इलाज के खर्च पर ही छुट ली जा सकती है।
जैसे कैंसर होने पर , एड्स होने पर, किडनी फ़ेल होने पर, हीमोफोलिया की बीमारी पर, थेलेसेमिया की बीमारी पर ।
इसके अलावा कुछ और भी बीमारियाँ है लेकिन इनमे गड़बड़ी का स्तर 40 फीसदी या इससे अधिक होना चाहिए। तो वो बीमारियाँ हैं-
डिमेंशिया, डिस्टोनिया मसक्यूलोरम डिफॉर्मेंस, मोटर न्यूरॉन डिजीज, एटैक्सिया, खोरिया, हेमीबैलिसमस, एफेसिया, पार्किंसन इत्यादि।
अब जान लेते है की कितनी कटौती तक ली जा सकती है?
छुट की रकम व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है. यदि खर्च 60 साल से कम के व्यक्ति पर किया जा रहा है तो 40,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
यदि बीमार व्यक्ति की उम्र 60 साल से ज्यादा है तो एक लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।
सेक्शन 80E:
बच्चों के एजुकेशन लोन पर आयकर कानून के सेक्शन 80E के तहत TAX मे छूट मिलेगी. आयकर की धारा 80E के तहत उच्च शिक्षा हेतु लिए कर्ज पर चुकाए गए ब्याज पर भी TAX छूट मिलती है.
एजुकेशन लोन किसी भी पाठ्यक्रम के लिए लिया जा सकता है. पति, पत्नी या बच्चे के एजुकेशन लोन पर यह छूट मिलती है. तो उच्च शिक्षा के लिए छुट आप धारा 80E के तहद ले सकते है।
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सेक्शन 80G :
चैरिटेबल ट्रस्ट या मंदिर को दान
कुछ लोग सामाजिक कल्याण से जुड़े चैरिटेबल ट्रस्ट को दान देते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो अपनी आय के 10 फीसदी हिस्से तक पर आयकर कानून के सेक्शन 80G के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं.
यह टैक्स छूट इस बात पर निर्भर करेगी कि आप किस संस्था को दान कर रहे हैं. संस्था के अनुरूप ही दान की गई राशि पर 50 फीसदी या 100 फीसदी टैक्स छूट मिलेगी. इसके लिए आप दान करने के बाद संस्थान से रसीद लें और आयकर छूट का सर्टिफिकेट भी लें.
धारा 80 GG
काफी लोग होम लोन पर टैक्स बेनिफिट के बारे में तो जानते हैं| जैसा अभी हमने बताया था की मूल भुगतान (principal repayment) के लिए धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है|
अब घर लेना तो सबके बस की बात नहीं| आपको पता है आजकल मकानों के दाम आसमान छू रहे हैं| इसीलिए हम में से काफी लोग किराये पर भी रहते हैं|
तो अच्छी बात यह है की किराए पर रहने पर भी आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिलते हैं| इसका मतलब अगर आप किराए पर रहते हैं, तो दिए गए किराए पर कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|
इस धारा मे किराए के घर के भुगतान पर अधिकतम 60,000 रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको HRA नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए आपका स्वयं का या जीवन साथी का या बच्चों का उस सहर मे मकान नहीं होना चाहिए, जहां आप नौकरी कर रहे हैं।
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