इंटरनेट का मालिक: जिस प्रकार से आज भारत मे इंटरनेट का प्रयोग किया जाता हैं तो ऐसा लगता हैं, मानो वर्तमान समय ‘इंटरनेट क्रांति’ का है, आज के समय मे रोज नए नए आविष्कार हो रहे हैं उससे लोगों की अपने काम करने की स्पीड मे भी बदोत्तरी हुई है।
इंटरनेट की खोज किसने की?
इंटरनेट की खोज करना किसी एक व्यक्ति की बात नहीं थी इसलिए इंटरनेट का मालिक कोई एक व्यक्ति नहीं हो सकता बल्कि इसकी खोज कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा की गई। 1957 में शीतकालीन युद्ध के दौरान, अमेरिका ने एक तरकीब सुझाई और एक ऐसी तकनीक बनाने का निर्णय लिया जिसके बाद आप एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को आसानी से जोड़ने में सक्षम हो सके। जिसका सुझाव हर किसी को अच्छा लगा और उन्होंने उसे पास कर दिया अब वो सुझाव आज के समय में काम आ रहा है। 1980 उसका नाम इंटरनेट रखा गया। इसको आजकल के समय में लोगों की लाइफलाइन कहा जाता है।
इंटरनेट का मालिक कौन है (Who is the owner of the internet)?
इंटरनेट सूचना तंत्र वस्तुतः किसी व्यक्ति या संस्था के नियंत्रण से परे है। इंटरनेट पर अनेक संस्थानों, नियमों, सरकारी उपक्रमों, शिक्षण संस्थाओं, व्यक्तिगत संस्थानों तथा विभिन्न सेवा प्रदाताओं (Service Providers) का थोड़ा-थोड़ा स्वामित्व माना जा सकता है। इसलिए इंटरनेट का मालिक कोई एक व्यक्ति नहीं है।
इंटरनेट की कार्य-प्रणाली की देख-रेख करने तथा उनके अंतर्राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने का कार्य कुछ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं करती हैं जो इंटरनेट पर IP Address, Domain Name प्रदान करने का कार्य भी करते हैं।
कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं हैं-
- National Science Foundation इंटरनेट के तकनीकी मानकों का निर्धारण करता है।
- ICANN (Internet Corporation for Assigned Names & Numbers) – आईपी एड्रेस तथा डोमेन नेम सिस्टम का मानक निर्धारित करता है।
- Internet Engineering Task Force
- Internet Architecture Board.
भारत में इंटरनेट (Internet in India)-
भारत में इंटरनेट का आरंभ 80 के दशक में हुआ जब अर्नेट (ERNET-Education and Research Network) के माध्यम से भारत के पांच प्रमुख संस्थानों को जोड़ा गया। बाद में नेषनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा देश के सभी जिला मुख्यालयों को प्रशसनिक सुविधा हेतु नेटवर्क से जोड़ा गया।
भारत में जनसामान्य के लिए इंटरनेट सेवा का आरंभ 15 अगस्त 1995 को विदेष संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा किया गया। संचार नेट नामक सार्वजनिक नेटवर्क के अंतर्गत 42 नोड की स्थापना की गई। 1999 में संचार क्षेत्र को निजी सेवा प्रदाताओं के लिए खोल देने से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं में प्रतिस्पर्धा विकसित हुई जिसके फलस्वरूप इंटरनेट के उपभोक्ताओं में भी भारी वृद्धि हुई।