आज के इस लेख में जानेंगे कि अगर आपने बैंक में दो अकाउंट खोल रखे हैं तो क्या नुकसान या क्या फायदे होते हैं इन दो अकाउंट को रखने से, तो पड़ते रहिए इस ब्लॉग को लास्ट तक.
बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनके बैंक में एक से अधिक अकाउंट हैं, चाहे उन अकाउंट की उनको जरूरत है या नहीं है फिर भी वह दो बैंकों में अपने अकाउंट को ओपन करवा कर रखते हैं, जबकि आरबीआई यानी “रिजर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया” के अनुसार किसी भी Same बैंक में आप दो अकाउंट ओपन नहीं कर सकते. जैसे अगर आपका अकाउंट पहले से ही SBI बैंक में है तो आप दूसरा अकाउंट भी SBI बैंक में नहीं खोल सकते. किसी अन्य बैंक में तो ओपन कर सकते हैं जैसे पंजाब नेशनल बैंक Central Bank of India इत्यादि में लेकिन एक ही ब्रांच कि बैंक में आप दो सामान अकाउंट ओपन नहीं कर सकते हैं.
अगर आपका पहले से ही सेविंग अकाउंट है तो उसी बैंक में आप करंट अकाउंट तो ओपन कर सकते हैं लेकिन दो सेविंग अकाउंट ओपन नहीं कर सकते.
दो बैंक अकाउंट होने के नुकसान:
तो पहले हम देखते है इसके नुकशान के की क्या नुकशान होते हैं अगर दो अकाउंट हैं बैंक में तो
पहली प्रॉब्लम है मिनिमम बैलेंस को मेन्टेन न करने की– RBI ने सभी बैंक को निर्देशित किया है की वो अपने सभी खाता धारकों को एक मिनिमम बैलेंस maintain कराए. तो आपने देखा होगा सभी सरकारी या प्राइवेट बेंको ने मिनिमम बैलेंस की सीमा तय की गई है.
सेविंग अकाउंट पर कम इंटरेस्ट का होना-
अगर आपके बैंक में दो साविंग अकाउंट है और उनमे जो पैसा आपका डला हुआ है उस पर बैंक सालाना ४ या ५ परसेंट का इंटरेस्ट देती है, जबकि यही पैसा आप किनी अन्य सेविंग योजनाओं जैसे पोस्ट ऑफिस schemes, म्यूच्यूअल फंड्स या शेयर बाज़ार पर लगाते हैं तो इस पैसे पर बैंक से अधिक इंटरेस्ट मिलता है.
अकाउंट को मेन्टेन करने की परेशानी –
अगर आपके एक से अधिक अकाउंट है तो एक प्रॉब्लम और आती है, और वो है अकाउंट को मेन्टेन करने की, कभी कभी क्या होता है की हमने किसी पार्टी को chaque से पेमेंट कर दिया है, तो हम खुद भूल जाते हैं की किस बैंक का चेक हमने उसे दिया है. या अगर हम नेट banking करते है तो उनके पासवर्ड बगेरह भी कभी कभी हम भूल जाते हैं.
कागजी कार्यवाही की प्रॉब्लम-
अगर हम इनकम टेक्स बगेरह जमा करते हैं, तो उसमे भी हमसे सभी banks की डिटेल्स मागी जाती है, उन सभी बैंक के transaction के स्टेटमेंट्स हमको अपने CA को देने पड़ते हैं जिनको इकट्ठा करने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
दो बैंक अकाउंट होने के फायदे:
अब हम जानते है इनके फायदे के बारे में की अगर एक से अधिक अकाउंट है तो इसके क्या क्या फायदे हो सकते हैं
- अगर आपका कारोवार बड़ा है, और सभी Transiction चैक से करते हैं, अगर एक ही बैंक में अकाउंट है तो चेक बुक जल्दी ही खत्म हो जाती है, ज्यादा बैंक में अकाउंट होने से चेक बुक भी ज्यादा होती हैं, तो आपकी ये समस्या भी खत्म हो जाती है.
- एक से अधिक बैंक में अकाउंट होने से क्रेडिट कार्ड भी एक से अधिक् हो सकते है जिससे अकस्मात व्यापार में पैसों की अगर आबस्यकता हो जाती है तो ये प्रॉब्लम भी खत्म हो जाती हैं.
- आजकल हर बैंक ने एटीएम में transection की लिमिट फिक्स करके राखी हुई है same बैंक के एटीएम से ५ बार व अन्य से ३ बार transection की सूबिधा फ्री है अगर ५ transection से ज्यादा बार एटीएम से पैसे निकालते है तो बैंक पर transection कुछ चार्ज हमसे बसूलता है. तो अगर हमारे पास एक से अधिक अकाउंट है तो एटीएम से ज्यादा वार पैसे निकाल सकते हैं.
- एक अन्य फायदा और ले सकते है की अगर हमे बैंक कम इंटरेस्ट दे रही है तो हम दुसरे एसी बैंक में खाता खुलवा सकते है जो ज्यादा ब्याज देतीं हैं.
तो ये आपको देखना है की एक से अधिक बैंक में अकाउंट रखने से आपका फायदा हो रहा है या नुकशान. अगर नुकशान हो रहा है तो उन अकाउंट को बंद कर देने में ही भलाई है.