FD में निवेश पर कैसे ले सकते हैं टैक्स बेनिफिट, TDS को लेकर क्या है नियम

आज के समय मे ज़्यादातर लोगों का पसंदीदा इनवेस्टमेंट फ़िक्स्ड डिपॉज़िट है। जो Investors को एक निश्चित अवधी मे अपने डिपॉज़िट पर निश्चित रिटर्न प्राप्त करने की सुबिधा देता है। 

अगर फ़िक्स्ड डिपॉज़िट से आपको ब्याज सरकार द्वारा तय किए गए लिमिट से ज्यादा का मिला है तब इंकम टैक्स अधिनियम 1961 के अनुसार उस ब्याज पर TDS कटेगा।

आपको 3 तरीके बताएँगे जिससे आप TDS को वापस ले सकते हैं जो FD के इन्टरेस्ट पर कट गया है।

अगर किसी फाइनेंसियल ईयर में 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक के पीरियड मे टोटल मिलाकर किसी व्यक्ती की  ₹40000 रु. से ज्यादा का ब्याज एक बैंक में बन रहा है, तो उस स्थिती मे उस व्यक्ति का टीडीएस 10% का कट जाएगा। 

यह तब है जब उसने PAN  no उस बैंक में दे रखा है तब। और अगर उसने PAN No. अपनी बैंक मे नहीं दे रखा है तब उस स्थिति में उसका 20% का टीडीएस कटेगा।

लेकिन जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक की है यानी वो अगर सीनियर सिटिज़न के श्रेणी मे आते हैं, तो उनके लिए ये लिमिट 50,000 रु. की है।

यहाँ पर आपको 3 तरीके बता रहा हूं जससे आप इस TDS को कटने से बचा सकते हैं। 

रुल कहता है कि एक बेंक मे 40,000 रु. से ज्यादा अगर इंटरेस्ट होगा तो TDS कटेगा। तो क्यों न हम एक से ज्यादा बैंक मे FD करवाए जो मेरी लिमिट को क्रॉस न करे।

अगर आपकी FD पर ब्याज 40 हजार रु. से ज्यादा का बन रहा है लेकिन आपकी टोटल इंकम 2,50,000 रु. से कम की है तो ऐसी स्थिती मे सरकार ने एक फोरम निकाला है 15G और 15H. तो इस Form को आप भरकर बैंक मे जमा कर देते हैं तो बैंक आपका TDS नहीं कटेगा। 

तीसरी कैटेगरी मे वो लोग आते हैं जिनकी इंकम 2.5 लाख रु. से ज्यादा है और वो रिटर्न भी भरते हैं तो ऐसी स्थिती मे आपको 15G और 15H फोरम भरने की आवश्यकता नहीं है। तो अगर आप रिटर्न भरते है फिर भी आपका TDS कटा है तो आप रिफ़ंड क्लैम कर सकते हैं।

तो उम्मीद है आपको TDS को कटने से बचाने के ये तीनों तरीके जरूर समझ मे आए होंगे।