Computer Memory

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory in Hindi):

कम्प्यूटर में मेमोरी (Memory) का प्रयोग डाटा, प्रोग्राम और अनुदेषों को स्थायी या अस्थायी तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता हे ताकि प्रासेसिंग के दौरान या बाद में किसी आबश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके Memory का प्रयोग प्रोसेसिंग के प्राप्त परिणामों संग्रहित करने के लिए भी किया जाता है इस तरह, Memory Computer का एक आवष्यक अंग है।

मेमोरी का बर्गीकरण [Classification of Memory]-

प्राथमिक/ मुख्य मेमोरी /Internal Memory/ Semiconductor Memory :

यह एक यूनिट जो सीधे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से संपर्क रखता है तथा हर समय कम्प्यूटर से जुड़ा रहता हैं, प्राथमिक या मुख्य मेमोरी या इंटरनल मेमोरी कहलाता है प्राथमिक मेमोरी अनेक छोटे भागों में बटी होती है जिन्हें लोकेषन या सेल (Location Or Cell) कहते है।
यह Location  में डाटा Storage करने को लिखना (Write) तथा Location  से डाटा प्राप्त करने को पढ़ना (Read) कहते है। प्राथमिक मेमोरी, मुख्यतः इलेक्ट्राॅनिक या सेमीकण्डक्टर मेमोरी होती हैं इनमें I-C Intergrated Circuit का प्रयोग किया जाता है जो सिलिकाॅन चिप के बने होते हैं इसके विकास का श्रेय जो. एस. किल्बी को जाता है। सिलिकाॅन चिप मुख्यतः गैलियम आर्सेनाइड के बने होते है।

Primary Memory या Internal Memory मुख्यतह दो प्रकार की होती हैं-

१. रेम/ RAM [Random Access Memory]:

२. रोम/ ROM [Read Only Memory]:

रेम [RAM -Random Access Memory]:

रैण्डम एक्सेस मेमोरी सूचनाओं को क्रमानुसारन पढ़कर सीधे वांछित सूचना को पढ़ा जा सकता है। यह एक अस्थायी (Temporary) मेमोरी है जहाँ डाटा और सूचनाओं को बदला जा सकता है कम्प्यूटर की पावर सप्लाई बंद कर देने पर रैम में संग्रहित डाटा समाप्त हो जाता है।
रैम को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता हैं –
1. डायनाॅमिक रैम (Dynamic RAM)
2. स्टैटिक रैम (Static RAM)
स्टैटिक रैम में कम्प्यूटर की सप्लाई बंद कर देने पर भी संग्रहित डाटा सुरक्षित रहता है।

कैश मैमोरी (Cache  Memory) –

मेमोरी से डाटा प्राप्त करने की गति सीपीयू के डाटा प्रोसेस करने की गति से काफी धीमी होती है। मेमोरी प्रोसेसर के बीच इस गति अवरोध (Speed Mismatch) को दूर करने के लिए कैष मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी ओर सीपीयू (CPU) के बीच एक अत्यंत तीव्र मेमोरी है जहाँ बार-बार प्रयोग में आने वाले डाटा और निर्देषों को संग्रहित किया जाता है। कैष मेमोरी की गति तीब्र होने के कारण प्रोसेसर की गति में वृद्धि होती है।

रोम [ROM-Read Only Memory]:

यह एक स्थायी (Permanent) मेमोरी है जिसमें संग्रहित डाटा व सूचनाऐं स्वयं नष्ट नहीं होती है। तथा उन्हें बदला भी नही जा सकता।
राॅम का प्रयोग स्थायी प्रकृति के प्रोग्राम तथा  डाटा संग्रहण (Data Storage) के लिए किया जाता है।

प्राॅम (EPROM-Erasable Programmable Read Only Memory) –

यह एक विषेष प्रकार की राॅम है जिसमें एक विषेष द्वारा उपयोग कर्ता के अनुकूल डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है एक बार प्रोग्राम कर दिए जाने के बाद यह सामान्य राॅम की तरह व्यवहार करता है।

ई-प्राॅम (PROM- Erasable Programmable Read Only Memory) –

इस प्रकार के रोम पर परा-बैंगनी किरणों  की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है इसके लिए ई-प्राॅम का सर्किट से निकालना पड़ता है। इसे अल्ट्रा वायलेट किरणों के द्वारा मिटाया जाता है।

ई-ईप्राॅम (EPROM-Electrically Erasable Programmable Read Only Memory) –

इस तरह के राॅम को सर्किट से निकाले बिना इस पर उच्च विद्युत प्रभाव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है इसका उपयोग मुख्यतः अनुसंधान में किया जाता है।
वर्तमान में, द्वितीयक मेमोरी के रूप में ईई प्राॅम का उपयोग बढ़ रहा है इसे फ्लैष मेमोरी (Flash Memory) भी कहा जाता है। पेन ड्राइव (Pen Drive) इसका अच्छा उदाहरण है।

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